नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) से पहले नेताओं के दल बदल का खेल शुरू हो गया है। वहीं अब पार्टियों ने भी अपना खेमा बदलना शुरू कर दिया है। कभी बिहार के भविष्य नजर आ रहे तेजस्वी यादव से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी का मोह भंग हो गया। महागठबंधन से अलग होने के बाद मांझी ने बिना शर्त जदयू में शामिल होने का ऐलान कर दिया है।
एनडीए में जाने का विरोध:
जीतन राम मांझी के ऐलान के बाद पार्टी के अंदरखाने की बगावत अब खुलकर सामने आने लगी है। हम के कई नेता मांझी के इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं और उनका विरोध कर रहे हैं। विरोध कर रहे नेताओं पर अब मांझी खुद संज्ञान में ले रहे हैं। बताया जा रहा है कि जिन नेताओं ने पार्टी लाइन के विपरीत जाकर यह बयान दिया है उनको पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार रहे दोनों नेता हुए बाहर
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में नालंदा लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार रहे अशोक आजाद और औरंगाबाद लोकसभा सीट से उम्मीदवार रहे उपेन्द्र प्रसाद को पार्टी से बाहर निकाल दिया गया है। पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने अधिकारिक तौर पर इसकी जानकारी देते हुए कहा कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण उन्हें बाहर किया गया है। ये दोनों अब हम पार्टी ने नहीं है।
लगाया गंभीर आरोप:
उन्होंने आगे कहा कि इन दोनों नेताओं को राजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के कहने पर लोकसभा का टिकट दिया गया था। उन्होंने दोनों नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे लालू यादव के एजेंट की भूमिका में थे। बता दें, इससे पहले खबर आयी थी एनडीए में मांझी के जाने के बाद उपेंद्र प्रसाद राजद के संपर्क में थे।
